Soyabean Varieties: मानसून शुरू हो चुका है और किसानों ने भी अब खेती करना चालू कर दिया है। भारत मे सोयाबीन की खेती बहुत अधिक मात्रा मे की जाती है। इसिको देखते है किसानों को पता होना चाहिए की किन किस्मों की खेती करने से कितना फायदा होगा और पैदावार कितनी होगी। भारत मे सोयाबीन की खेती ज्यादातर महाराष्ट्र, राजस्थान, मध्यप्रदेश राज्यों मे की जाती है। मध्यप्रदेश मे सोयाबीन का उत्पादन 45 प्रतिशत तक है। तो चलिए इस लेख मे जानते है सोयाबीन की सबसे अच्छी किस्मों के बारेमे, जो आपको प्रति हेक्टर ज्यादा पैदावार दे सके।
मानसून को देखके करे सोयाबीन की बुवाई
मौसम विभाग वाले अनुमान लगा रहे है की इस साल मानसून देरी से आएगा और इसकी रवानगी भी लेट हो सकती है। यानि की सितंबर, ऑक्टोबर महीने तक बारिश आस सकती है। ऐसी स्थिति मे जो किस्म ज्यादा दिनों का समय लगाती है उसकी बुवाई करना सही रहेगा। तो चलिए जानते है ऐसी किस्मों के बारेमे।
जेएस 2069 सोयाबीन की किस्म
जेएस 2069 किस्म की बुवाई के लिए प्रति एकड़ 40 किलो का बीज की जरूरत होगी। इसकी फसल तयार होने मे लगभग 85 से 86 दिनों का समय लगता है और यह प्रति हेक्टर 22 से 26 क्विंटल तक उत्पादन प्राप्त करके देती है।
एमएसीएस 1407 किस्म सोयाबीन
यह किस्म सोयाबीन की नई किस्म है, जिसकी खेती असम, झारखंड, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल मे ज्यादातर की जाती है। इस किस्म की खेती करके प्रति हेक्टर 30 से 39 क्विंटल तक पैदावार प्राप्त कर सकते है।
बीएस 6124 सोयाबीन किस्म
इस किस्म की बुवाई करने के लिए 35 से 40 किलो के बीज प्रति एकड़ की आवश्यकता होती है। जिससे प्रति हेक्टर 20 से 25 क्विंटल की उत्पादन प्राप्त होता है। इस किस्म की फसल को तयार होने मे 90 से 95 दिन का समय लगता है।
जेएस 2034 सोयाबीन किस्म
इस किस्म के फसल के फूल का रंग सफेद और दाने का रंग पीला होता है। इस किस्म की खेती कम बारिश मे अच्छी पैदावार होती है। इस किस्म खेती से उत्पादन प्रति हेक्टर 24 से 25 क्विंटल तक प्राप्त कीया जा सकता है। फसल को पूरा तयार होने मे लगभग 80 से 85 दिनों का समय लगता है।
यह भी पढे:-