Savan Shivratri: हिन्दू धर्म मे सावन का महिना बहुत पवित्र माना जाता है। अगर आप इस पवित्र महीने मे शिवरात्रि मे व्रत और उपवास रखना चाहते है और भगवान शंकर की पूजा करना चाहते है तो यह समय आपके लिए बहुत ही अच्छा और पवित्र है। सावन की इस पहली शिवरात्रि मे जानते है की पूजा और जल अर्पण करने का सही समय, पूजा विधि, मुहूर्त, शुभ योग क्या है जानते है।
सावन की शिवरात्रि की विशेषता (Savan Shivratri)
हिन्दू धर्म के लिए सावन का महिना बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। इस महीने मे शिवरात्रि विशेष दिन और मुहूर्त होता है, उस दिन भगवान शिव की पूजा अर्चना की जाती है। इस दिन लोग रातभर जागरण करके भगवान शिव की आराधना करते है। हिन्दू धर्म मे ऐसा मानना है की इस दिन जो भी भक्त भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करता है, उसकी सारी मनोकामनाए पूरी होती है।
सावन के शिवरात्रि के लिए शुभ मुहूर्त
भक्तों के लिए इस सावन के महीने मे दो महाशिवरात्रि का शुभ अवसर है। इसका आगमन 15 जुलाई को रात 8 बजकर 32 मिनट पर महाशिवरात्रि का आगमन होगा और इसकी समाप्ति 16 जुलाई के रात 12 बजकर 7 मिनट पर होने वाला है।
शिवरात्रि के लिए विशेष पूजा सामग्री और विधि

आवश्यक पूजा सामग्री
इस बार शिवरात्रि मे पूजा करने के लिए धूप, फूल, अखंड दिया, दूध, बेलपत्र, धनिया, दीप, बादाम और चावल, आदि जैसी सामग्री का उपयोग करे।
सावन महीने मे महाशिवरात्रि की पूजा विधि
- सावन महीने मे महाशिवरात्रि की पूजा करने के लिए आपको पीले वस्त्र पहनने चाहिए। पीले वस्त्र को पहनना शुभ माना जाता है। इसीलिए शुभह उठकर अच्छेसे स्नान करके पीले वस्त्र पहन लीजिए।
- अब आपको पूजा के स्थान पर भगवान शिव, माता पार्वती, श्री गणेश, श्री कार्तिकेय और नंदी जी की प्रतिमा स्थापित करनी है।
- महाशिवरात्रि की दिन पंचामृत अवश्य कराए।
- अब पूजा मे धूप, फूल, अखंड दिया, दूध, बेलपत्र, धनिया, दीप, बादाम और चावल अवश्य शामिल करे। उसके बाद सभी पूजा सामग्री और प्रसाद को विधि पूर्वक अर्पण कर दीजिए।
- इस दिन आपको शिव पुराण या शिव पाठ अवश्य करना चाहिए।
- पूजा समाप्ति शिव आरती के साथ करे।
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